Wednesday 25 February 2015

IDIOCY Treatment

मंद-बुद्धिता (जड़-बुद्धिता) (IDIOCY)
विभिन्न औषधियों से चिकित्सा :-
1. बैराइटा कार्ब :- इस रोग से पीड़ित रोगी बिल्कुल जड़-बुद्धि बालक की तरह हो जाता है, उसका दिमाग ठीक प्रकार से काम नहीं करता है। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए बैराइटा कार्ब औषधि की 30 शक्ति का उपयोग कर सकते हैं।
   मंद-बुद्धिता को दूर करने के लिए भी बैराइटा कार्ब औषधि का उपयोग किया जा सकता है। इस औषधि से चिकित्सा करने पर इसका प्रभाव कुछ देर से होता है लेकिन उपयोग में इसे दोहराया जा सकता है।
जो बच्चे मानसिक दृष्टि से कमजोर और शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं, पेट फूला रहता है या उन्हें टांसिलों में शिकायत रहती है, उनके इस प्रकार की परेशानी को दूर करने के लिए बैराइटा कार्ब औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
2. ट्युबर्क्युलीनम :- बैराइटा कार्ब औषधि के प्रयोग से बच्चों के टांसिलों में सुधार हो जाता है और यह बालक के विकास में सहायक होती है। इस औषधि का सेवन करते हुए पंद्रह दिनों के बाद एक बार ट्यबर्क्युलीनम औषधि की 1m मात्रा का सेवन करना चाहिए, इससे अधिक लाभ मिलेगा।
3. कैल्केरिया कार्ब :- रोगी मोटा और थुलथुला हो, उसकी मांस-पेशियां ढीली पड़ी हो तथा लटकी रहती हो, शाम के समय में वह भयभीत रहता हो, आंशका भी होती रहती हो। रोगी को ऐसा लगता है कि कहीं सिर पर कुछ लग न जाए, कहीं बुद्धि साथ न छोड़ दे। रोगी भुलक्कड़ स्वभाव का हो जाता है, किसी भी बात को ठीक से नहीं समझ पाता है, वह उत्साहहीन तथा हतप्रभ रहता है, चिंता होती है तथा हृदय की धड़कन असमान्य रहता है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग की चिकित्सा करने के लिए कैल्केरिया कार्ब औषधि की 30 शक्ति का उपयोग करना चाहिए।
4. कैलकेरिया फॉस :- बच्चा पतला-दुबला रहता है तथा उसके शरीर में खून की कमी हो जाती है, वह सब समय चिड़चिड़ा रहता है, कहता रहता है कि कहीं चलो, कहीं चलो। ऐसे रोगी बच्चे की चिकित्सा करने के लिए कैलकेरिया फॉस औषधि की 30, 200 या 3x मात्रा का उपयोग करना उचित होता है।
5. बैराइट म्यूर :- बैराइट म्यूर औषधि ऐसे मंद-बुद्धि बच्चों के लिए उपयोगी है जो मुंह खुला रखते हैं और नाक से बोलते हैं। देखने में ही जड़-बुद्धि के लगते हैं, सुनाई भी ऊंचा देता है, शारीरिक तथा मानसिक रूप से कमजोर रहते हैं, इनके टांसिल बड़े होते हैं, कुछ भी निगलने में कष्ट होता है। ऐसे रोगी के रोग को उपचार करने के लिए बैराइट म्यूर औषधि की 3x मात्रा का उपयोग करना लाभदायक है।
6. सिफिलीनम :- मंद-बुद्धि तथा शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर रोगी का उपचार बैराइटा कार्ब औषधि से करना उचित होता है। बैराइटा कार्ब औषधि के उपयोग से रोगी के टांसिलों में सुधार हो जाता है और यह उनके विकास में सहायक होती है। इस औषधि का सेवन करते हुए पंद्रह दिन के बाद एक बार ट्यबर्क्युलीनम औषधि की 1m मात्रा का सेवन करना चाहिए, इससे अधिक लाभ मिलेगा। यदि ट्यबर्क्युलीनम औषधि औषधि का सेवन करने पर लाभ न मिले तो सिफिलीनम औषधि की 1m मात्रा इसकी जगह पर देने से फायदा मिलता है।

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