मधुमेह (शूगर)
(DIABETES)
परिचय-
किसी व्यक्ति के खून में जब चीनी की मात्रा ज्यादा हो
जाती है या पेशाब के साथ चीनी आने लगती है तो समझ जाना चाहिए कि उस व्यक्ति को
मधुमेह (डायबटीज) का रोग है। ये अक्सर शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम हो जाने के
कारण भी हो जाता है। इन्सुलीन का काम शरीर में चीनी की मात्रा को सही बनाकर रखना
है।
मधुमेह (डायबिटीज) 2
तरह का होता है-
शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम हो जाने के कारण होने
वाला मधुमेह (डायबटीज)।
इन्सुलिन के काम करने के रास्ते में आने वाली रुकावट
के कारण।
जानकारी-
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में चीनी की मात्रा
सुबह के समय खाली पेट 80 से 100 और भोजन करने के बाद 140
तक होनी चाहिए।
मधुमेह (डायबिटीज) का रोग ज्यादातर व्यक्तियों को
वंशानुगत होता है। इसके अलावा ज्यादा मोटापे के कारण, किसी
तरह की लंबी बीमारी के कारण, संक्रमण फैलने के कारण
तथा भोजन सम्बंधी दोष के कारण भी ये रोग हो जाता है।
लक्षण-
·
मधुमेह रोग में रोगी को बार-बार पेशाब आता रहता है
जिसके कारण रात को सोते-सोते उसे पेशाब करने के लिए कई बार उठना पड़ता है।
·
रोगी को बार-बार प्यास लगती रहती है लेकिन पानी पीने
के बाद भी रोगी का मुंह सूखा हुआ रहता है।
·
रोगी का वजन दिन पर दिन कम होता जाता है।
·
रोगी को आंखों से कम दिखाई देने लगता है।
·
रोगी को सिर में दर्द रहने लगता है।
·
जख्म होने पर उसका भरना मुश्किल हो जाता है।
·
स्त्रियों की योनि में बार-बार जलन सी होती रहती है।
मधुमेह (डायबिटीज) रोग
होने के कारण होने वाली परेशानियां-
·
आंखों को खून पहुचाने वाली नलियां नष्ट हो जाती हैं।
·
धमनियों में चिकनाई जम जाने से शरीर के दूसरें अंगों
को पूरी तरह खून नहीं मिल पाता है।
·
मधुमेह रोग का असर गुर्दों पर बहुत ज्यादा पड़ता है।
·
अगर मधुमेह (डायबिटीज) का रोग बढ़ जाता है तो इसके
कारण रोगी को दिल के रोग जैसे उच्चरक्तचाप (हाई-ब्लडप्रेशर) या दिल का दौरा पड़ना
आदि हो जाते हैं।
सावधानी-
·
रोगी को अपने आप ही मधुमेह (डायबिटीज) रोग की औषधियों
को लेना बन्द नहीं करना चाहिए।
·
मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को शराब का सेवन और
धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
· रोजाना के भोजन में तले हुए पदार्थ या
ज्यादा उत्तेजक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
·
मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को रोजाना व्यायाम करना
चाहिए और कम से कम 45 मिनट तक पैदल घूमना चाहिए।
·
रोगी को अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहिए।
·
भोजन में ज्यादा से ज्यादा कच्ची सब्जियों की सलाद
खानी चाहिए।
·
रोगी जब भी बाहर घूमने-फिरने जाए तो अपने साथ एक
बिस्कुट का पैकेट रख लें। जब भी उसका सिर घूमे तो 1-2 बिस्कुट खा लें।
·
अगर रोगी के शरीर में कहीं कट जाता है या खरोंच, फफोले
या सूजन आ जाती है तो उसे तुरन्त ही अपने चिकित्सक से मिलना चाहिए।
·
रोगी को नंगे पैर नहीं घूमना चाहिए और पैरों के
नाखूनों को नियमित रूप से कटवाते रहना चाहिए।
·
रोगी को अच्छे गद्दीदार जूते पहनने चाहिए।
·
मछली का तेल भी रोगी को सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि
ये भी खून में चीनी की मात्रा को बढ़ा देता है।
क्या खाना चाहिए-
·
मधुमेह रोग में रोगी को कम कैलोरी वाला भोजन ही करना
चाहिए।
·
तला-भुना हुआ भोजन कम से कम ही करना चाहिए।
·
भोजन में सलाद का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना
चाहिए।
·
रोगी को जमीन में उगी हुई सब्जियों का कम से कम सेवन
करना चाहिए जैसे आलू, प्याज और चीकू, आम, केला
आदि भी नहीं खाने चाहिए।
·
रोगी को नियमित रूप से करेले का रस पीना लाभदायक रहता
है।
·
चाय, कॉफी, कोक, चाकलेट, पेस्ट्री, जैम
और मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।
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