Monday 2 September 2013

exercise

व्यायाम  
व्यायाम की दुनिया में आजकल दौड़ना लोकप्रिय है। बाकी दुनिया की ही तरह भारत में भी लंबी दौड़ लगाने वालों के संगठन बन गए हैं, जो हाफ मैराथन, मैराथन, सुपर मैराथन वगैरह आयोजित करते रहते हैं। दौड़ाकों

पिछले दिनों इस विषय पर कुछ अध्ययन हुए हैं। इन अध्ययनों से पता चलता है कि सेहत के लिहाज से दोनों ही बेहतरीन व्यायाम हैं, लेकिन दोनों के फायदे कुछ अलग-अलग हैं। दौड़कर या चलकर लगभग समान कैलोरी खर्च करने वाले दो समूहों की तुलनात्मक जांच से यह मालूम हुआ कि वजन घटाने और कम वजन बनाए रखने के लिहाज से दौड़ना ज्यादा अच्छा व्यायाम है। दौड़ने वालों की कमर की नाप और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) चलने वालों से कहीं बेहतर साबित हुए। बाकी कई फायदे दोनों ही समूहों के लिए एक जैसे थे, लेकिन यह पाया गया कि दिल की सेहत के लिए चलने से ज्यादा फायदा होता है। यानी अगर आपका मुख्य जोर वजन घटाने पर है, तो दौड़िए और अगर दिल का मामला है, तो तेज चलना अच्छा है। दौड़ने से वजन ज्यादा घटने की कई वजहें हैं। एक महत्वपूर्ण वजह तो यह है कि दौड़ने से मेटाबॉलिज्म ज्यादा तेज होता है, इसलिए ऊर्जा ज्यादा खर्च होती है। एक सुझाव यह भी है कि चलने या दौड़ने से पहले कुछ दूसरे व्यायाम करने, मसलन भार उठाने से वजन ज्यादा घटता है, क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म और भी ज्यादा तेज हो जाता है। अध्ययन में एक चीज यह सामने आई, दौड़ने से पेट में एक एंजाइम पेप्टाइड वाई वाई ज्यादा बनता है। यह एंजाइम भूख पर नियंत्रण रखता है, इसलिए दौड़ने वालों की खुराक चलने वालों से कम होती है। यह देखा गया कि नियमित चलने वालों से अनियमित दौड़ने वालों का भी वजन कम रहा।
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को जरूरी मशविरा और सहायता देने वाले लोग भी काफी हैं। शायद आज की आधुनिक सुविधाओं व उपकरणों से भरी दुनिया में दौड़ना आदिम खुशी का प्रतीक बन गया है। इसके बरक्स पैदल चलना या टहलना हमेशा से सबसे ज्यादा लोकप्रिय व्यायाम रहा है। कुछ लोग रोज टहलते हैं, कुछ को बीच-बीच में खयाल आता है कि वजन बढ़ रहा है, तो वे कुछ दिन टहलते हैं और फिर छोड़ देते हैं। महात्मा गांधी रोज दस मील टहलते थे। सरदार पटेल के बारे में कहा जाता है कि वह राजा-नवाबों को सुबह की सैर पर ले जाते थे और आराम के आदी राजा-नवाब सैर खत्म होने से पहले ही सरदार पटेल की शर्तो पर भारत में विलय के लिए मान जाते थे। लेकिन सवाल यह है कि सेहत के लिहाज से क्या बेहतर है, दौड़ना या चलना? अगर दौड़कर या चलकर समान कैलोरी खर्च की जाए, तो किससे ज्यादा फायदा होगा? 
 पसीना बहाना भी एक कला है
अपने शरीर को वांछित आकार देने की ख्वाहिश में लोग तमाम जतन कर रहे हैं। जिमनेजियम का चलन भी हाल के सालों में काफी बढ़ा है। हालांकि नियमित व्यायाम के बाद भी अपेक्षित परिमाण न मिलने की शिकायत आम है। कई बार कुछ परेशानियां भी हो जाती हैं इसलिए व्यायाम करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

पसीना बहाने से ही वजन कम नहीं होता। पसीना बहाने का मतलब है कि आपने पानी के वजन को कम किया है, यानी कोई लिक्विड लेने के साथ ही आप उतना ही वजन दोबारा हासिल कर लेते हैं। प्रायः लोगों को, जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, पता ही नहीं होता कि व्यायाम की सही प्रणाली क्या है या मशीन का सही इस्तेमाल कैसे हो। हरेक की जरूरत के अनुसार एक अलग एक्सरसाइज प्लान भी होता है, जिसकी जानकारी जरूरी है। 


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