Sunday 1 December 2013

Acacia Tree






बबूल - (Acacia Tree)
Acacia Tree about
Acacia Tree
परिचय- इसका पेड़ बहुत ही पुराना है। इसकी छाल एवं गोंद प्रसिद्ध व्यवसायिक द्रव्य होता है। वास्तव में यह एक बबूल रेगिस्तानी प्रदेश का पेड़ है। इसकी पत्तियां बहुत छोटी होती है। इसका पेड़ कांटेदार होता है। यह पूरे भारतवर्ष में लगाए हुए तथा जंगली पाए जाते हैं।  ग्रीष्म के मौसम में इस पर पीले रंग के फूल गोलाकार गुच्छों में आते हैं। सर्दियों के सीजन में फलियां लगती हैं। इसके बड़े आकार के घने होते हैं। इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है। इसके पेड़ पानी के निकट तथा काली मिट्टी में ज्यादा पाये जाते हैं। इनमें सफेद कांटे पाए जाते हैं। कांटों की लम्बाई 2 सेमी से 4 सेमी तक होती है। इसके कांटे जोड़े के रूप में होते हैं।
about Acacia Tree
Acacia Tree
विभिन्न भाषाओं में नाम :
संस्कृत- बबूल, दीर्घकंटका, बर्बर,
हिन्दी -बबूर, बबूल, कीकर
तेलगू  -बबूर्रम
पंजाबी - बाबला
बंगाली -बबूल गाछ
फारसी - खेरेमुधिलान
तमिल - कारुबेल
अंग्रेजी - एकेशियाट्री
मराठी  -माबुल बबूल
गुजराती- बाबूल
अरबी  - उम्मूछिलान
लैटिन  - माइमोसा अराबिका
गुण: यह सफेद दाग, कफ बलगम, पेट के कीड़ों-मकोड़ों और शरीर के विषों को नष्ट करता है।
Acacia Tree
Acacia Tree
मात्रा : इसकी मात्रा काढ़े के रूप में 100 मिलीलीटर, गोंद के रूप में 5 से 10 ग्राम तक तथा चूर्ण के रूप में 5-6 ग्राम तक लेते हैं।
विभिन्न रोंगों का बबूल से उपचार :
1 मुंह के रोगः
  • कचनार की छाल, बबूल की छाल, मौलश्री छाल, पियाबांसा की जड़ तथा झरबेरी के पंचांग का काढ़ा बनाकर इसके हल्के गर्म पानी से कुल्ला करने से लाभ मिलता है।
  • इससे गले में छाले, मुंह का सूखापन, दांतों का हिलना, जीभ का फटना और तालु के विकार नष्ट हो जाते हैं।
  • जामुन, बबूल और फूली हुई फिटकरी का काढ़ा बना लें। इस काढ़े से कुल्ला करने पर मुंह के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।
  • बबूल की छाल लें, उसको बारीक पीस लें, इसे पानी में उबालकर कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले खतम हो जाते हैं।
  • बबूल की छाल के काढ़े से 2-3 बार कुल्ला करें। इससे लाभ मिलता है।
2 दांत का दर्द :-
  • बादाम के छिलके और बबूल की फली के छिलके की राख में नमक मिलाकर मंजन करें। इससे दांतों का दर्द दूर हो जाता है।
  • इसकी कोमल टहनियों की दातून करें। इससे भी दांतों के कई रोग दूर होते हैं और दांत स्वस्थ और मजबूत हो जाते हैं।
3 वीर्य की कमी : - बबूल के पत्तों को चबाकर उसके ऊपर से गाय का दूध पीने से कुछ ही दिनों में वीर्य की कमी दूर होती है।
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