नपुंसकता
(IMPOTENCE)
परिचय :-
रोगी को संभोग करते समय जल्दी वीर्यपात हो जाता या
लिंग ढीला पड़ जाता है। संभोग क्रिया के दौरान नपुंसकता
रोग में पूर्ण आनन्द नहीं मिल पाता है।
लिंग उत्तेजित करने वाली
नसों का ढीला हो जाना, हार्मोन की कमी, उत्तेजक दवाईयों का अधिक प्रयोग करना, अधिक आयु, मधुमेह, अधिक हस्तमैथुन करना आदि कारणों से नपुंसकता होता है।
नपुंसकता रोग अधिकतर मानसिक रुकावट के कारण अधिक होता है। इस रोग से ग्रस्ति व्यक्ति हस्तमैथुन तो आराम से कर
लेता है परन्तु संभोग क्रिया के दौरान पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाती है। नपुंसकता रोग की समस्या कभी-कभी होती है। यह रोग
एकाएक या धीरे-धीरे भी हो सकता है। इस रोग को होने पर कभी-कभी संभोग क्रिया के
दौरान जल्दी वीर्यपात हो जाता है।
नपुंसकता रोग में
विभिन्न औषधियों के द्वारा उपचार :-
फास्फोरस :- ·
यदि व्यक्ति सामान्य तौर पर उत्तेजित होता है और अंडकोषों
की आभ्यन्तर शिथिलता के कारण नपुंसकता आई हो तो उसे कोनायम औषधि का सेवन यदि अधिक
हस्तमैथुन के करने से नपुंसकता आई हो तो भी इस औषधि का सेवन करना चाहिए।
·
शारीरिक व मानसिक दोनों ही रूप से यदि कोई व्यक्ति कामुक
हो और इस कारण से नपुंसकता आ गई हो तो ऐसे रोगी के इस रोग का उपचार करने के लिए
फास्फोरस औषधि की 30 से 200 शक्ति का उपयोग करना चाहिए।
ऐगनस-कैस्टस :-
ऐसे व्यक्ति जो युवावस्था के दौराना अधिक कामुक जीवन
व्यतित किया हो और 60 साल की आयु में भी उसकी
यौन-दृष्टि उतना ही उत्तेजित हो जितना युवावस्था में। वह शारीरिक दृष्टि से असमर्थ
हो और नपुंसकता के कारण अपने आप वीर्यपात होता हो तो उसके लिए ऐगनस-कैस्टस औषधि की
1 या 6 शक्ति उपयोगी होगी।
ग्रैफाइटिस :-
यदि रोगी को संभोग करते समय आनन्द नहीं मिलता या
संभोग करते समय वीर्यपात नहीं होता जिसके कारण कामक्रिया के बाद रोगी को बहुत
परेशानी होती है। यदि किसी व्यक्ति में अत्यंत कामोत्तेजना हो तो उसे यह औषधि लेनी
चाहिए। इस तरह के नपुंसकता को दूर करने के लिए ग्रैफाइटिस औषधि की 30 या 200 शक्ति का प्रयोग करना
चाहिए।
कैलकेरिया कार्ब औषधि का प्रयोग रोगी में उत्पन्न ऐसी
स्थिति में किया जाता है जिसमें रोगी में अधिक विषय वासना होती है परन्तु यह वासना
केवल मानसिक होती है और शारीरिक वासना कम होती है अर्थात रोगी में काम की इच्छा
होती है परन्तु उस कामक्रिया में शारीरिक क्रिया की इच्छा नहीं होती है। अधिक संभोगक्रिया के
कारण होने वाले नपुंसकता को दूर करने के लिए नक्स-वोमिका, सल्फर और कैलकेरिया कार्ब तीनों औषधि का प्रयोग किया जाता
है। ऐसे में यदि रोगी काम क्रिया करता भी है तो लिंग ढीला पड़ जाता है या संभोग के
समय जल्दी वीर्यपात हो जाता है या संभोग से पहले वीर्यपात होता है या वीर्यस्राव
अधुरा होता है। ऐसे में कैलकेरिया कार्ब औषधि की 30 या 200 शक्ति का प्रयोग करना हितकारी होता है। इस तरह नपुंसकता के
कारण कभी-कभी व्यक्ति निराश होकर एकांत में रहना पसंद करने लगता है।
सल्फर एवं सेलेनियम:-
यदि जननेन्द्रिय में ठंडापन महसूस हो और लिंग में
सिकुड़न हो तो उपचार के लिए सल्फर औषधि का उपयोग करना लाभदायक होता है।रोगी को किसी
प्रकार की स्नायु सम्बंधी थकावट महसूस नहीं होती। हस्तमैथुन, स्त्रीसहवास या स्वप्नदोष होने के बाद उसका स्वास्थ्य और भी
खराब हो जाता है। यदि अधिक संभोग क्रिया के कारण से रोगी को कमजोरी आ गई हो, वह सोना चाहता है परन्तु सोकर उठने के बाद भी कमजोरी बनी
रहती है। वीर्यपात के कारण से रोगी अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है, ठीक से सोच-विचार नहीं कर पाता, सिर दर्द होता रहता है, रीढ़ की हड्डी में कमजोरी
आ जाती है और ऐसा लगता है कि उसमें लकवा मार गई हो,
प्रोस्टेट
का स्राव अपने आप होने लगता है, नींद में अश्लील सपने
आने पर वीर्य पात हो जाता है, पेशाब तथा मलत्याग करने
के समय वीर्य निकल जाता है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को सेलेनियम औषधि की 30 शक्ति या सल्फर औषधि की 30
शक्ति
का सेवन करना चाहिए।
अन्य उपाय :-
हस्तमैथुन के बाद नपुंसकता आ जाती है। नपुंसकता की
मुख्य समस्या जननेन्द्रिय की नहीं होती है बल्कि व्यक्ति के दिमाग में होती है।
अत: नपुंसकता से बचने के लिए तनाव मुक्त रहें और मन में गंदी सोच को न आने दें। इस
तरह तनाव मुक्त होकर संभोग क्रिया करने से सम्पूर्ण आनन्द आपको मिल सकता है। संभोग
क्रिया करते समय यह बात महत्वपूर्ण नहीं है कि लिंग की लम्बाई कितनी है क्योंकि
यौन क्रिया के लिए योनि की शुरू की कुछ इंच ही संभोग क्रिया के लिए है। लेकिन
संभोग के समय जल्दी वीर्यपात हो जाना अवश्य ही एक समस्या है।
संभोग क्रिया का पूर्ण
आनन्द पाने के लिए कुछ आवश्यक बाते हैं :-
नपुंसकता की समस्या को धैर्य पूर्वक सहभागी की
समझदारी बढ़ा कर सुलझाने की कोशिश करें।अधिकतम संतुष्टि पाने के लिए धीरे-धीरे
क्रिया करें। सामान्य व्यायाम उर्जा स्तर को बढ़ाने में प्रोत्साहित करता है, वह शारीरिक क्षमता को भी बढ़ाता है। योग, ध्यान व मालिश से तनाव दूर होता है।
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ReplyDeleteI am 35 years .muje shogerpattan v ling me dilapan ki sikayat h kaise dur kru
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