Wednesday 27 November 2013

thumb sucking

अंगूठा चूसना(Thumb-Sucking)
    हाथ या पैरों के अंगूठों (thumb of hands and feet) को लगातार मुंह में रखकर चूसने की आदत, बच्चों में अंगूठा चूसना रोग कहलाता है। कभी-कभी शिशु या बच्चा

अपनीअंगुलियों को भी चूसता है।
what is thumb sucking
Thumb sucking

अंगूठा चूसने की आदत डेढ़ वर्ष से दो वर्ष की आयु में अधिकतम पाई जाती है। यह आदत धीरे-धीरे, आयु बढऩे के साथ-साथ कम हो जाती है। तीन वर्ष की आयु तक लगभग समाप्त हो जाती है। इस आयु के शिशु या बच्चों में अंगूठा चूसने के बाद नींद आ जाती है।
अधिक उम्र के शिशु या बच्चे में लगातार एवं आवश्यक रूप (compulsive) से अंगूठा चूसना उसकी असुरक्षा (unsecurity), अकेलापन (boredom), दासिता (dependence) को प्रदर्शित करता है।
कारण-अंगूठा चूसने के अनेकों कारण हैं-
about thumb sucking
Thumb sucking
  • बच्चों को अधिक समय तक भूखा व अकेला रखना।
  •  मां शिशु या बच्चे के बीच भावनात्मक संबंधों का अभाव।
  • प्रसव कालीन (during labour) शिशु की मस्तिष्कीय चोटें (trauma)
  •  दांतों के निकलते समय (teething) मसूढ़ों (gums) में तीव्र सुरसुराहट (irritation)
  •  प्राकृतिक रूप से बच्चे को भूख लगने पर वह अपने हाथ-पैरों को मुंह की ओर लाता है जो स्थाई हो जाती है।
  • शीशी या बोतल आदि से दूध या पोषण (milk/nutrition) लेना या देना।
लक्षण या निदान-
  • अंगूठा चूसने का इतिहास शिशु या बच्चे के माता-पिता या अभिभावक से प्राप्त होता है।
  • शिशु या बच्चा आपने सामने खेल रहा है या उपस्थित है तो अंगूठा चूसने की स्थिति में हो सकता है।
  • अंगूठे या अंगुलियों पर घाव (soreness) या कैलस (callus) पाये जाते हैं।
  •  बच्चे का जबड़ा ठीक से बंद नहीं हो पाता है। ऊपर व नीचे के दांत आपस में नहीं मिल पाते (malocclusion)। यह स्थिति उन बच्चों में पायी जाती है, जिनमें अंगूठा चूसने की आदत 5 वर्ष का आयु के बाद भी बनी रहती है।
चिकित्सा-
thumb sucking deffition
Thumb sucking
  •   शिशु या बच्चे को पूर्ण आहार दें।
  •   शिशु या बच्चे जिस अंगुली या अंगूठे को चूसे, उस पर कड़वे पदार्थ का लेप न करें या बलपूर्वक बार-बार उसके अंगूठे को मुंह से न निकालें। ऐसा करने से शिशु या बच्चे के मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  •  सोते समय अंगूठा या अंगुली चूसने वाले शिशुओं या बच्चों को किसी उपचार की आवश्यकता नहीं है।
  •  अंगूठा चूसने की आदत अधिक होने पर जब बच्चा दिन में व रात में अंगूठा चूसता है, उसकी उम्र दो वर्ष से अधिक हो गयी हो, तब इसके कारणों को समझकरउपचार करना चाहिए।
  •  बच्चे को भावनात्मक सहारा (emotional assistsnce) दें, उसके कार्यों की सराहना करें, कभी बच्चे को अधिक न डाटें ताकि उसके मन में असुरक्षा का भाव पैदा न हों।
  •   बच्चे को कार्य में व्यस्त (indulge) रखें, जैसे- पैंसिल, रबड़, रंग, पेपर आदि देकर उनसे संरचनाएं, डिजायन आदि बनवाएं।
 

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